आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

भारत के राजनीतिक इतिहास में 1975-1977 के बीच की अवधि एक अंधकारमय दौर के रूप में दर्ज है, जिसे आपातकाल के नाम से जाना जाता है।  वह दौर था अधिनायकवाद का, तानाशाही का दौर था, लोकतंत्र की हत्या का दौर था, संविधान को खतरे का दौर था, संविधान बदलने का दौर था, नागरिक मूल अधिकारों… पढ़ना जारी रखें आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

15 जून भारत विभाजन पर कांग्रेस की  स्वीकृति

15 जून 1947, वह दिन था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लम्बी प्रक्रिया के बाद जो कि जनवरी 1946 में प्रारम्भ हो चुकी थी के अंत में भारत के विभाजन की योजना को स्वीकार किया। तब ब्रिटिश सांसदों का एक दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भारत आया और प्रमुख नेताओं से मिला। 17 फरवरी को महात्मा… पढ़ना जारी रखें 15 जून भारत विभाजन पर कांग्रेस की  स्वीकृति

गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर

तकली घणी कतवाई अर टेम खराब कियो,पांचवीं तक री पढाई में खूब खेल कियो। ग्राम सुराज भरमायो, बुनकर भूख मरयो, मोटी मीलां माय कपड़ो अकूत बण्यो। कायर बण र खातर अहिंसा सन्देश दीयो,विधर्मी री तलवारां सूँ हिन्दू लहू बह्यो। वीर सपूत फांसी चढग्या महात्मा मौन रह्यो, नेहरू गद्दी देवण सारूं,,पटेल ने चुप करयो। ईश्वर अल्ला… पढ़ना जारी रखें गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर

विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त 1947

विभाजनविभीषिकास्मृति_दिवस 14 अगस्त, 1947 की चीखें ! !! रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा-सा गांव था। 500 के लगभग वयस्क होंगे। बाकि बच्चे, बूढ़े। गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला,” सरपंच जी, सरपंच जो।” सरपंच जी कहा ,”क्या हुआ मोहन ? “” सरपंच… पढ़ना जारी रखें विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त 1947