सरसंघचालक के उद्बोधन का दार्शनिक, सामाजिक परिप्रेक्ष्य

लेखन सम्पादन मनमोहन पुरोहित (मनुमहाराज) ( स्पस्टीकरण- हालांकि मेरी इतनी मति, योग्यता या क्षमता नही है कि मैं पूज्य सरसंघचालक जी के पूरे उद्बोधन का दार्शनिक परिप्रेक्ष्य को समझा सकूं फिरभी थोड़ा प्रयास करता हूँ। मुझे जितना समझ आया उतना प्रयास करता हूँ।)विकास वर्ग द्वितीय के समापन कार्यक्रम में सरसंघचालक जी का उद्बोधन महत्वपूर्ण दृष्टिकोण… पढ़ना जारी रखें सरसंघचालक के उद्बोधन का दार्शनिक, सामाजिक परिप्रेक्ष्य

संघ शिक्षा वर्ग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

कब शुरुआत हुई थी? संघ शिक्षा वर्ग की शुरुआत 1927 में नागपुर में हुई थी। उस दौरान यह तीन सप्ताह तक चले थे और इन्हें ग्रीष्मकालीन वर्ग कहा गया। फिर कुछ सालों बाद इनका नाम ‘अधिकारी शिक्षा वर्ग’ हो गया। बाद में वर्ष 1950 में इन वर्गों को ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के नाम से जाना… पढ़ना जारी रखें संघ शिक्षा वर्ग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

संघ समाचार

समाज के प्रोत्साहन से दिव्यांग देश के लिए बड़ा योगदान देंगे – सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि न्यूनता हर किसी में होती है. हम सब अपूर्ण है. इस न्यूनता को परिपूर्णता की दिशा में ले जाने के लिए ईश्वर ने समाज के रूप में हमें… पढ़ना जारी रखें संघ समाचार

संघ समाचार

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम स्वयंसेवकों में हो कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता कोटा 7 जून: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम के समापन अवसर पर राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ के निरन्तर विस्तार का आधार है स्वयंसेवको का आत्मअनुशासन व उनकी… पढ़ना जारी रखें संघ समाचार

‘मधु का श्री गुरूजी! बन जाना’

~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारतीय संस्कृति में आक्रमण और वर्षों की परतन्त्रता के कारण कमजोर और दैन्य हो चुके हिन्दू समाज को संगठित करने के ध्येय से डॉ.हेडगेवार ने २७ सितम्बर सन् १९२५ विजयादशमी के दिन शक्ति की पूर्णता को मानकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन किया। जो हिन्दू समाज को सशक्त और सामर्थ्यवान बनाने तथा… पढ़ना जारी रखें ‘मधु का श्री गुरूजी! बन जाना’

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमित्त सरसंघचालक जी का लेख

हमारे भारत का इतिहास पिछले लगभग डेढ़ हजार वर्षों से आक्रांताओं से निरंतर संघर्ष का इतिहास है। आरंभिक आक्रमणों का उद्देश्य लूटपाट करना और कभी-कभी (सिकंदर जैसे आक्रमण) अपना राज्य स्थापित करने के लिए होता था। परंतु इस्लाम के नाम पर पश्चिम से हुए आक्रमण यह समाज का पूर्ण विनाश और अलगाव ही लेकर आए।… पढ़ना जारी रखें प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमित्त सरसंघचालक जी का लेख

“राम राज्य आ रहा है, देश में हर कोई…”: अयोध्या राम मंदिर में आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत

अयोध्या, 22 जनवरी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि भगवान श्री राम लला की अयोध्या में घर वापसी का इतिहास ऐसा है कि जो भी उन कहानियों को सुनता है, उसके दुख और दर्द मिट जाते हैं। आरएसएस प्रमुख रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर… पढ़ना जारी रखें “राम राज्य आ रहा है, देश में हर कोई…”: अयोध्या राम मंदिर में आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत

न फूल चढ़े न दीप जलेपुस्तक समीक्षा

15 अगस्त 1947 को इस महान सांस्कृतिक राष्ट्र के तीन टुकड़े कर दिए गए। पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान नाम के दंश भारत माता पर लगे। ऐसा प्रतीत होता है इस महान वत्सलमयी माता समान भारत भू की दोनों भुजाएं चीर कर पृथक कर दी गई हों। कहां तो तय था ब्रिटिश शासन से संघर्ष करके… पढ़ना जारी रखें न फूल चढ़े न दीप जलेपुस्तक समीक्षा

कार्यकर्ता निर्माण में अटूट स्नेह की पद्धति के श्रेष्ठ वाहक थे स्व. हस्तीमल

कार्यकर्ता निर्माण में अटूट स्नेह की पद्धति के श्रेष्ठ वाहक थे स्व. हस्तीमल जी उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि संगठन में कार्यकर्ता महत्वपूर्ण इकाई है. कार्यकर्ता निर्माण में कार्यकर्ता की देखभाल ज्यादा महत्वपूर्ण है. कार्यकर्ता के संकट के समय तो तुरंत संभालना अति आवश्यक है. यह बात… पढ़ना जारी रखें कार्यकर्ता निर्माण में अटूट स्नेह की पद्धति के श्रेष्ठ वाहक थे स्व. हस्तीमल

देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ   19-Oct-2022 आरएसएस के सरकार्यवाह बोले, साल भर में बढ़ीं 6600 संघ की शाखाएं प्रयागराज, 19 अक्तूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोगों में भी स्वाभिमान जागरण के कारण ‘‘मैं भी हिन्दू हूँ’’ का बोध विकसित हुआ है। सरकार्यवाह जी आज प्रयागराज… पढ़ना जारी रखें देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले

आत्मीयता के प्रतिरूप: कृष्णचन्द्र भार्गव

आत्मीयता के प्रतिरूप : कृष्णचन्द्र भार्गव “27 जुलाई / जन्मदिवस” #हरदिनपावन श्री कृष्णचंद्र भार्गव (भैया जी) का जन्म 27 जुलाई, 1926 को अजमेर (राजस्थान) में श्री कन्हैयालाल भार्गव के घर में हुआ था। वे हॉकी, फुटबॉल तथा क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे; पर जब उनके कई साथी शाखा जाने लगे, तो 1941 में वे भी… पढ़ना जारी रखें आत्मीयता के प्रतिरूप: कृष्णचन्द्र भार्गव

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ… एक छोटा परिचय

#शाखा_कार्यवाह:- शाखा क्षेत्र का प्रमुख होता है।मुख्य शिक्षक व शाखा टोली को सम्भालना एवम् उनका विकास करना,अभिभावकों से संपर्क व संवाद रखना।शाखा को मुहल्ले(वस्ती)से व वस्ती को शाखा से जोड़ना “शाखा कार्यवाह” का मुख्य कार्य होता है। ख. #मुख्य_शिक्षक :- शाखा टोली का विकास करना,60 मिनट की शाखा के कार्यक्रमों की रचना व सञ्चालन,गट एवं… पढ़ना जारी रखें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ… एक छोटा परिचय

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6 जुलाई 1905 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसेवी लक्ष्मी बाई केलकर का जन्म

राष्ट्रीय सेविका समिति की संस्थापक भी भारतीय स्वाधीनता संघर्ष की सफलता में उस भावना की भूमिका महत्वपूर्ण है जिसने समाज में स्वत्व का वोध कराया । यदि हम केवल आधुनिक संघर्ष का ही स्मरण करें तो हम पायेंगे कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती से लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डा… पढ़ना जारी रखें 6 जुलाई 1905 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसेवी लक्ष्मी बाई केलकर का जन्म

महान देशभक्त थे डा.हेडगेवार

डा हेडगेवार की बताई राह पर अग्रसर है संघ(डा हेडगेवार को उनकी पुण्यतिथि पर आज 21 जून को एक विनम्र श्रद्धांजलि)कृष्णमोहन झा/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यशस्वी संस्थापक डा केशव बलीराम हेडगेवार की आज पुण्यतिथि है। सन् 1940 में 21 जून को जब उन्होंने अंतिम सांस ली तब उनकी आयु मात्र 51 वर्ष थी । 1925… पढ़ना जारी रखें महान देशभक्त थे डा.हेडगेवार

कोई क्यों आपको बचाएगा?

प्रतिदिन एक तय स्थान और समय पर “मिलन” इसे हम शाखा कहते हैं।सप्ताह में एक दिन सभी शाखाओं का सामूहिक मिलन, इसे “एकत्रीकरण” कहते हैं।ये दोनों व्यवस्थाएं 1925 से हमारे पास हैं।मुख्यशिक्षक और गटनायक घर घर जाकर बुलाते हैं, आह्वान करते हैं, सम्पर्क करते हैं।मिलन के समय और स्थान मुहल्ले की सुविधानुसार तय होता है।जब… पढ़ना जारी रखें कोई क्यों आपको बचाएगा?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना शताब्दी और हम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को वर्ष 2025 में 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. 1925 में नागपुर में संघ स्थापना हुई थी. इस घटना को इस वर्ष 2022 की विजयादशमी को 97 वर्ष पूर्ण होंगे. संघ का कार्य किसी की कृपा से नहीं, केवल संघ के कार्यकर्ताओं के परिश्रम, त्याग, बलिदान के आधार पर… पढ़ना जारी रखें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना शताब्दी और हम

संघ ने क्या किया अब तक ?

देश के युवाओं में राष्ट्रीयता एवं सामाजिक समरसता का भाव जागृत करने में सफल रहा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज पूरे विश्व में सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है। वैश्विक स्तर पर कई देशों में तो संघ की कार्य पद्धति पर कई शोध कार्य किए जा रहे हैं कि किस प्रकार… पढ़ना जारी रखें संघ ने क्या किया अब तक ?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी क्या?

🚩!! संघ परिचय !!🚩 “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” यह तीन शब्दों का एक समुच्चय है। (अ) राष्ट्रीय (ब) स्वयंसेवक (स) संघ (अ) राष्ट्रीय :- जिसकी अपने देश, उसकी संस्कृति, उसकी परम्पराओं, उसके महापुरुषों, उसकी सुरक्षा एवं समृद्धि के प्रति निष्ठा हो, जो देश के साथ पूर्ण रूप से भावनात्मक मूल्यों से जुड़ा हो अर्थात जिसको सुख-दुःख,… पढ़ना जारी रखें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी क्या?

RSS के प्रथमप्रचारक : बाबासाहब आप्टे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रथम प्रचारक बने श्री उमाकांत केशव आप्टे जी को आज 28 अगस्त उनके जन्म-दिवस पर कोटि कोटि नमन 🙏🌹 28 अगस्त, 1903 को यवतमाल, महाराष्ट्र के एक निर्धन परिवार में जन्मे उमाकान्त केशव आप्टे का प्रारम्भिक जीवन बड़ी कठिनाइयों में बीता। 16 वर्ष की छोटी अवस्था में पिता का देहान्त होने… पढ़ना जारी रखें RSS के प्रथमप्रचारक : बाबासाहब आप्टे

“हम सबका डीएनए एक ही है” बयान पर बवाल मचाने वाले स्लीपर सेल्स के लिए

http://http//:हम सबका डीएनए एक ही है” पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर 2014 के बाद से सत्ता की चाशनी के लिए लार टपकाते, कुकरमुत्तों की तरह उग आए, लकड़बग्घे स्वयंघोषित हिन्दू धर्मरक्षक, सेकुलरवादी वाममार्गी अर्बन नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं। फ़ेसबुक-ट्विटर -यूट्यूब के रण संग्राम के ये महायोद्धा अब उस सूर्य – राष्ट्रीय… पढ़ना जारी रखें “हम सबका डीएनए एक ही है” बयान पर बवाल मचाने वाले स्लीपर सेल्स के लिए

आरएसएस खालिस व्यक्ति निर्माण

rss आरएसएस खेलते खेलते सभी प्रकार के आसन प्राणायाम योग आदि का लाभ मिल जाता है। यहां 40 से 65 वर्ष की आयु वाले प्रौढ़ों को खेलते हुए देखने का अपने आप में अलग ही आनंद अनुभव होता है। प्रौढ़ों के मुखमंडल पर बाल सुलभ मुस्कान, बच्चों की तरह विजिगीषु भाव, संघर्ष का भाव एक… पढ़ना जारी रखें आरएसएस खालिस व्यक्ति निर्माण