न्याय प्रणाली में भारतीयकरण: एक ऐतिहासिक और आधुनिक परिप्रेक्ष्य

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वाधीनता के बाद भारत को किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए इसका निर्णय जिन हाथों में गया वे पश्चिमाभिमुख होकर आशावान थे। राष्ट्र की नीति निर्धारण उसी दिशा में चला दुर्भाग्य से न्याय प्रणाली भी उसी सड़ी गली सोच को अब तक ढोती रही। जब से भारतीयता के गौरव… पढ़ना जारी रखें न्याय प्रणाली में भारतीयकरण: एक ऐतिहासिक और आधुनिक परिप्रेक्ष्य

1 जुलाई 2024 से भारत में प्रभावी होंगे ये 3 कानून

भारत में 1 जुलाई 2024 से दण्ड प्रक्रिया का स्थान लेगी न्याय प्रक्रियाभारतीय न्याय प्रणाली में सुधार के रूप में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं:• भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Justice Code – BJC),• भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Evidence Act – BEA),• भारतीय दंड संहिता (Bharatiya Penal Code… पढ़ना जारी रखें 1 जुलाई 2024 से भारत में प्रभावी होंगे ये 3 कानून

कांग्रेस का आपातकाल: लोकतंत्र की हत्या और संवैधानिक उल्लंघन

24 जून 2024 को 18वीं लोकसभा के शपथग्रहण समारोह में राहुल गांधी सहित कांग्रेस के सांसदों ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर ‘जय संविधान’ का नारा लगाकर संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का नाटक किया। जिनसे संविधान को सबसे ज्यादा खतरा रहा है, जिन्होंने जबसे ज्यादा बार संविधान को बदला है, जिन्होंने संविधान… पढ़ना जारी रखें कांग्रेस का आपातकाल: लोकतंत्र की हत्या और संवैधानिक उल्लंघन

चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

भारतीय नेतृत्व और चीन के प्रति उसकी नीति में 2014 से पहले और बाद के बदलाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 1947 से 2014 तक, विशेष रूप से कांग्रेस नेतृत्व के दौरान, भारत का रुख चीन के प्रति काफी संकोचपूर्ण और भयभीत था। पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक… पढ़ना जारी रखें चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

भारतीय नेतृत्व और चीन के प्रति उसकी नीति में 2014 से पहले और बाद के बदलाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 1947 से 2014 तक, विशेष रूप से कांग्रेस नेतृत्व के दौरान, भारत का रुख चीन के प्रति काफी संकोचपूर्ण और भयभीत था। पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक… पढ़ना जारी रखें चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

भारतीय नेतृत्व और चीन के प्रति उसकी नीति में 2014 से पहले और बाद के बदलाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 1947 से 2014 तक, विशेष रूप से कांग्रेस नेतृत्व के दौरान, भारत का रुख चीन के प्रति काफी संकोचपूर्ण और भयभीत था। पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक… पढ़ना जारी रखें चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

भारतीय नेतृत्व और चीन के प्रति उसकी नीति में 2014 से पहले और बाद के बदलाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 1947 से 2014 तक, विशेष रूप से कांग्रेस नेतृत्व के दौरान, भारत का रुख चीन के प्रति काफी संकोचपूर्ण और भयभीत था। पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक… पढ़ना जारी रखें चीन के प्रति भारतीय नीति: 2014 से पहले और बाद का बदलाव

आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

भारत के राजनीतिक इतिहास में 1975-1977 के बीच की अवधि एक अंधकारमय दौर के रूप में दर्ज है, जिसे आपातकाल के नाम से जाना जाता है।  वह दौर था अधिनायकवाद का, तानाशाही का दौर था, लोकतंत्र की हत्या का दौर था, संविधान को खतरे का दौर था, संविधान बदलने का दौर था, नागरिक मूल अधिकारों… पढ़ना जारी रखें आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

दिल्ली पेयजल संकट, आरोप-प्रत्यारोप:  एक रिपोर्ट

दिल्ली में पानी की आपूर्ति बाधित होने से नागरिकों को महंगे दामों पर पानी के टैंकरों पर निर्भर होना पड़ रहा है।  राजधानी में भीषण गर्मी के दौरान पानी की समस्या ने एक गंभीर रूप ले लिया है। यह रिपोर्ट दिल्ली में पानी की स्थिति, समस्याओं और सरकारी प्रतिक्रिया पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।… पढ़ना जारी रखें दिल्ली पेयजल संकट, आरोप-प्रत्यारोप:  एक रिपोर्ट

भारतीय राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप और भारत की राष्ट्रीवादी सरकार के खिलाफ अभियान: एक विश्लेषण

भारतीय लोकतंत्र ने हमेशा से ही आंतरिक और बाह्य चुनौतियों का सामना किया है। हाल के वर्षों में, भारत की लोकतांत्रिक सरकार को कमजोर करने के उद्देश्य से विदेशी ताकतों द्वारा कई अभियानों को चलाया गया । इन अभियानों का उद्देश्य न केवल वर्तमान भारत सरकार को अपदस्थ करना था, बल्कि भारत के राजनीतिक, सामाजिक… पढ़ना जारी रखें भारतीय राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप और भारत की राष्ट्रीवादी सरकार के खिलाफ अभियान: एक विश्लेषण

लोकसभा चुनाव 2024: फेक न्यूज और विरोध के बावजूद परिपक्व मतदाताओं ने दी राष्ट्रवादी सरकार को जीत

लोकसभा चुनाव 2024: फेक न्यूज और विरोध के बावजूद परिपक्व मतदाताओं ने दी राष्ट्रवादी सरकार को जीत लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय मतदाता न केवल जागरूक और परिपक्व हैं, बल्कि वह अपने राष्ट्र के विकास और सुरक्षा के लिए सही निर्णय लेने में सक्षम हैं।… पढ़ना जारी रखें लोकसभा चुनाव 2024: फेक न्यूज और विरोध के बावजूद परिपक्व मतदाताओं ने दी राष्ट्रवादी सरकार को जीत

मोदी 3.0 के लिए नवीन चुनोतियाँ

मोदी 3.0 के लिए नवीन चुनौतियांप्रश्न यह है कि खालिस्तानियों, नक्सलियों, कश्मीरी विध्वंसकों को संसद में वैधता मिलना आप कैसे देखते है?यह बदलाव नई सोच और नई रणनीति की मांग करता है। चूंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार केंद्र की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं, उन्हें ज्ञात और अज्ञात चुनौतियों से… पढ़ना जारी रखें मोदी 3.0 के लिए नवीन चुनोतियाँ

तियानमेन चौक नरसंहार: ऐतिहासिक एवं मानवाधिकार परिप्रेक्ष्य

परिचय 4 जून 1989 को चीन के बीजिंग में तियानमेन चौक पर हुए नरसंहार ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और मानवाधिकारों के क्षेत्र में गहरे निशान छोड़े हैं। यह घटना केवल चीनी छात्रों और नागरिकों द्वारा लोकतंत्र और सुधारों की मांग तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक बड़े पैमाने पर सत्ता और मानवाधिकारों के संघर्ष का… पढ़ना जारी रखें तियानमेन चौक नरसंहार: ऐतिहासिक एवं मानवाधिकार परिप्रेक्ष्य

आप में राजनीतिक भ्रस्टाचार की हिस्सेदारी की लड़ाई?

स्वाति मालीवाल अन्नाहजारे व  केजरीवाल के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन की प्रमुख सदस्या थी । भारत की आम जनता को इस आंदोलन से बहुत आशाएं थी। राजनीति में नही आने वालों ने पार्टी बनाकर अलग तरह की राजनीति का वादा किया और देखते ही देखते आधे अधूरे अधिकार वाले राज्य दिल्ली में सरकार… पढ़ना जारी रखें आप में राजनीतिक भ्रस्टाचार की हिस्सेदारी की लड़ाई?

भारत की साँस्कृतिक अवधारणा का अपमान और संविधान की भावना के विरूद्ध है सैम पित्रोदा का नस्लभेद संबंधी वक्तव्य

भारत की साँस्कृतिक अवधारणा का अपमान और संविधान की भावना के विरूद्ध है सैम पित्रोदा का नस्लभेद संबंधी वक्तव्य –रमेश शर्मा काँग्रेस की सलाहकार टोली के प्रमुख सदस्य श्री सैम पित्रोदा नेरंग, क्षेत्र और कदकाठी के आधार पर भारतीय समाज को विभाजित करने संबंधी अंग्रेजों के षड्यंत्र को एक बार फिर स्थापित करने का प्रयास… पढ़ना जारी रखें भारत की साँस्कृतिक अवधारणा का अपमान और संविधान की भावना के विरूद्ध है सैम पित्रोदा का नस्लभेद संबंधी वक्तव्य

कांग्रेस चली नक्षलवाद की राह?

हम देश भर में “एक्स-रे” करेंगे, फिर हम जानेंगे कि ‘अल्पसंख्यकों’ को कितना देना है। फिर हम व्यक्तियों, और वित्तीय और संस्थाओं का ‘सर्वेक्षण’ करेंगे। हम पता लगाएंगे कि किसके पास ‘धन’ है और वे किस जाति से हैं। इसके बाद हम धन के पुनर्वितरण का ‘क्रांतिकारी’ काम करेंगे। तो मैं यह स्पष्ट कर दूं… पढ़ना जारी रखें कांग्रेस चली नक्षलवाद की राह?

नोटा नहीं दबाना, हिंदुत्व की विजय सुनिःचित करना

“नोटा नहीं दबाना है, हिंदुत्व को विजयी बनाना है” (जागे देश की क्या पहचान.. शत् प्रतिशत हो मतदान)“यह बात कितनी सच्ची है इसलिए लगती बहुत अच्छी है”- संघ प्रमुख ने सितम्बर में विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण, व्याख्यानमाला के अंतिम दिन लोगों के सवालों के जवाब… पढ़ना जारी रखें नोटा नहीं दबाना, हिंदुत्व की विजय सुनिःचित करना

जातिवाद, क्षेत्रवाद और अतिवाद को नही जीतने देना चाहिए,

केवल राष्ट्रवाद और विकास ही जनता और देश के लिए हितकारी है।सोशल मीडिया से हीरो बने नेता” ज्यादा दिन नही टीक पाते उनसे जमीनी हकीकत हमेशा दूर रहती है…उन्हें उनकी महत्वाकांक्षा हमेशा उनके स्वार्थ, लोभ, पद और प्यादे होने की ओर खींचती हैं।वे कभी भी त्यागी और तपस्वी साधु की तरह विवेक नही रखते।उनके सामने… पढ़ना जारी रखें जातिवाद, क्षेत्रवाद और अतिवाद को नही जीतने देना चाहिए,

वसुंधरा राजे ने भजनलाल मुख्यमंत्री राजस्थान को दिया आशीर्वाद

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (New CM Bhajanlal Sharma) ने शुक्रवार को अल्बर्ट हॉल के बाहर हुए समारोह में सीएम पद की शपथ ली. इसके बाद कार्यभार ग्रहण करवाने के लिए प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) समेत तमाम बड़े नेताओं के साथ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) भी सचिवालय पहुंचीं. इस दौरान वसुंधरा राजे… पढ़ना जारी रखें वसुंधरा राजे ने भजनलाल मुख्यमंत्री राजस्थान को दिया आशीर्वाद

पुजारी बनाम तपस्वी के पीछे क्या है?

“राहुल गांधी मंदिरों में जाते हैं क्योंकि लोग मंदिरों में जाते हैं,” आप राहुल गाँधी को भलेही मूर्ख समझें लेकिन उनके ‘एडवाइजर’ हैं वो बहुत पढ़े लिखे , ‘इंटेलेक्चुअल’ लोग हैं। वो अलग बात है की उन्हें प्रेस कांफ्रेंस से पहले जो स्क्रिप्ट दी जाती है , उसकी डिलीवरी वो इस तरह से कर देते… पढ़ना जारी रखें पुजारी बनाम तपस्वी के पीछे क्या है?

“मैंने राहुल को मार दिया, जो आप देख रहे हैं वो मैं नहीं” कुछ समझे?

राहुल गाँधी अपनी समझ के हिसाब से तो ठीक कह रहे हैं I वो होता है ना हिन्दी फ़िल्मों में हीरो दाढ़ी लगाकर, भेष बदलकर खलनायक के अड्डे पर पहुँच और मान के चलता है कि उसे पहचाना नहीं जाएगा I वैसे ही आत्मनिर्भर राहुल गाँधी दाढ़ी बढ़ाकर खुद ही खुद को नहीं पहचान रहे… पढ़ना जारी रखें “मैंने राहुल को मार दिया, जो आप देख रहे हैं वो मैं नहीं” कुछ समझे?

Pakistan: पाकिस्तान में आटे के लिए मारामारी, कई जगह मची भगदड़, अब तक दो लोगों की मौत

बलूचिस्तान अपनी जरूरत के 85 फीसदी हिस्से के लिए सिंध और पंजाब पर निर्भर है। हालांकि इन प्रांत के बाहर गेहूं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है। पाकिस्तान में आर्थिक हालात एकदम बदतर हो गए हैं। देश के कई प्रांत में गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया… पढ़ना जारी रखें Pakistan: पाकिस्तान में आटे के लिए मारामारी, कई जगह मची भगदड़, अब तक दो लोगों की मौत

क्या मुस्लिम वोट का दबदबा खत्म होने जा रहा है?

चुनाव आयोग अब ईवीएम के स्थान पर आरवीएम ला रही है अब कही भी बैठा कोई भी मतदाता वोट करने से नहीं रहेगा वंचित -अभी तक आपने ईवीएम के बारे में सुना था… लेकिन अब एक नई मशीन आने वाली है… आरवीएम…. ईवीएम का मतलब है इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन लेकिन आरवीएम का मतलब है रिमोट… पढ़ना जारी रखें क्या मुस्लिम वोट का दबदबा खत्म होने जा रहा है?

POK हम वापिस लेंगे

विगत दशक में भाजपा सरकार द्वारा देश हित में लिये निर्णयों से देशवासियों का शासन के प्रति विश्वास जागृत हुआ है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ”शौर्य दिवस” के अवसर पर जम्मू कश्मीर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जैसे ही यह कहा यह यात्रा तभी पूरी होगी जब हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर… पढ़ना जारी रखें POK हम वापिस लेंगे

ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

डूबते ब्रिटेन ने गीता में गहरी आस्था रखने वाले भारतवंशी ऋषि सुनक के हाथों देश की बागडोर सौंपना स्वीकार किया है। वहीं व्हाइट हाउस में अबतक के सबसे बड़े दिवाली समारोह की अमेर‍िका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन द्वारा मेजबानी करते हुए भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुने जाने को अभूतपूर्व घटना… पढ़ना जारी रखें ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

मोदी युग में भारत की उपलब्धियां

दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी ,,, भारत आया नम्बर 3 पर, हम से आगे अमेरिका, रूस हैं l ये है मोदी युग ,,,🔺 दूसरी उपलब्धि ,,, 1.4- 1.5 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन ,,,,, ये है ! एक चाय वाले का अर्थशास्त्र ,,,🔺 तीसरी उपलब्धि… पढ़ना जारी रखें मोदी युग में भारत की उपलब्धियां

भारतीय पर्यटन उद्योग में आ रही है रोजगार के नए अवसरों की बहार

अभी हाल ही में जारी की गई सीधी नियुक्ति मंच हायरेक्ट की ‘जॉब इंडेक्स रिपोर्ट’ के अनुसार, जून 2022 से अगस्त 2022 के तीन महीनों के दौरान टूर एंड ट्रेवल उद्योग में नए रोजगार के अवसरों में जोरदार तेजी देखी गई है, जो भारत के लिए रोजगार की दृष्टि से बहुत अच्छा संकेत माना जा… पढ़ना जारी रखें भारतीय पर्यटन उद्योग में आ रही है रोजगार के नए अवसरों की बहार

आतंक पर कड़ा प्रहार है पीएफआई पर प्रतिबंध

मृत्युंजय दीक्षितकेंद्र सरकार ने आतंक के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए देश के अंदर रहते हुए देश विरोधी गतिविधियां संचालित करने वाले कुख्यात संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) व उसके सहयोगी संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन , कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, एनसीएचआरओ, नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्वायर इंडिया फाउंडेशन, रिहेब… पढ़ना जारी रखें आतंक पर कड़ा प्रहार है पीएफआई पर प्रतिबंध

सौ सुनार की एक अमित शाह की

मोदी – शाह का बदला : सौ सुनार की – एक लुहार की– अनुज अग्रवालCAA-NRC और किसान आंदोलन में विपक्ष ने बंदूक़ जिन संगठनों व संस्थाओं के कंधे पर रखी थी आज उनका क्या हाल व औक़ात है? राष्ट्रहित में आवश्यक इन बिलों को वापस लेने या लागू न कर पाने से हुए अपमान का… पढ़ना जारी रखें सौ सुनार की एक अमित शाह की

मज़हब के नाम पर घृणा से मुक्त हो कश्मीरी

-बलबीर पुंज धारा 370-35ए के संवैधानिक क्षरण से जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन की बयार बह रही है। इसी कड़ी में गत दिनों दो अभूतपूर्व घटनाएं सामने आई। इसमें पहली— तीन दशक बाद घाटी में बड़े पर्दे पर सिनेमा की वापसी है, जिसके अंतर्गत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 18 सितंबर को शोपियां और पुलवामा में सिनेमाघरों, तो… पढ़ना जारी रखें मज़हब के नाम पर घृणा से मुक्त हो कश्मीरी