आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

भारत के राजनीतिक इतिहास में 1975-1977 के बीच की अवधि एक अंधकारमय दौर के रूप में दर्ज है, जिसे आपातकाल के नाम से जाना जाता है।  वह दौर था अधिनायकवाद का, तानाशाही का दौर था, लोकतंत्र की हत्या का दौर था, संविधान को खतरे का दौर था, संविधान बदलने का दौर था, नागरिक मूल अधिकारों… पढ़ना जारी रखें आपातकाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

15 जून भारत विभाजन पर कांग्रेस की  स्वीकृति

15 जून 1947, वह दिन था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लम्बी प्रक्रिया के बाद जो कि जनवरी 1946 में प्रारम्भ हो चुकी थी के अंत में भारत के विभाजन की योजना को स्वीकार किया। तब ब्रिटिश सांसदों का एक दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भारत आया और प्रमुख नेताओं से मिला। 17 फरवरी को महात्मा… पढ़ना जारी रखें 15 जून भारत विभाजन पर कांग्रेस की  स्वीकृति

वर्तमान की पत्रकारिता और देवर्षि नारद

पत्रकारिता समाज का दर्पण होती है, जो समाज में घटित घटनाओं को उजागर करती है और लोगों को जागरूक करती है। भारतीय संस्कृति में प्रथम पत्रकार के रूप में ऋषि नारद माने जाते है। वे देवताओं और मानवों के बीच, देवताओं और दानवों के बीच संवाद का माध्यम थे। वर्तमान समय में पत्रकारिता ने तकनीकी… पढ़ना जारी रखें वर्तमान की पत्रकारिता और देवर्षि नारद

कांग्रेस चली नक्षलवाद की राह?

हम देश भर में “एक्स-रे” करेंगे, फिर हम जानेंगे कि ‘अल्पसंख्यकों’ को कितना देना है। फिर हम व्यक्तियों, और वित्तीय और संस्थाओं का ‘सर्वेक्षण’ करेंगे। हम पता लगाएंगे कि किसके पास ‘धन’ है और वे किस जाति से हैं। इसके बाद हम धन के पुनर्वितरण का ‘क्रांतिकारी’ काम करेंगे। तो मैं यह स्पष्ट कर दूं… पढ़ना जारी रखें कांग्रेस चली नक्षलवाद की राह?

“सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय विचारों के प्रखर पुञ्ज डॉक्टर द्वय”

~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारत भूमि ने अपनी कोख से समय-समय पर ऐसे – ऐसे रत्न उत्पन्न किए हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से समाज जीवन में एक गहरी अमिट छाप छोड़ी है। रत्नगर्भा भारत माता के ऐसे ही दो महान सपूत – एक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक, प्रथम… पढ़ना जारी रखें “सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय विचारों के प्रखर पुञ्ज डॉक्टर द्वय”

अक्षत निमंत्रण अभियान ने किया वसुधा को एकाकार

इसके माध्यम से विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने समाज के साथ मिल कर 22 जनवरी 2024 को सामूहिक रूप से मंदिरों में आने के लिए निमंत्रित किया। आज तक के विश्व इतिहास में ऐसा कोई अभियान किसी ने भी नहीं लिया जिसमें विश्व भर के 50 करोड़ से अधिक नर-नारी बच्चे, बूढ़े, जवान सभी… पढ़ना जारी रखें अक्षत निमंत्रण अभियान ने किया वसुधा को एकाकार

देशभक्तों की सेना जगो

हे देशभक्तों की सेना,आज जागो सब कर गठबंधन।सुधारों की दो पहचान, बदलकर ये लूटपाट का कर्म। देश द्रोही हृदय जला रहे, करते भारत मां का अपमान।करो शंखनाद शठ विरुद्ध, तोड़ो इन मन-मन्त्रबंधों को। जहां मची भ्रष्टाचारी आग, वहीं सच की करो सुराखें।बेईमानी के क़िले गिरा दो, सत्यनिष्ठा से देश संभालें। देश तोड़को की फितरत बदली,… पढ़ना जारी रखें देशभक्तों की सेना जगो

फलौदी किले का किस्सा

फलौदी किले का किस्सा-मैं राजस्थान के जोधपुर जिले का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक शहर हूं । मैने अपने साढ़े पांच सौ सालों के जीवन काल में कई उतार चढ़ाव देखे हैं । मुझ पर कई राजाओं और बादशाहों ने राज किया । मेरी स्थापना से पूर्व मुझे 10 वीं – 11वीं शताब्दी में विजयनगर (… पढ़ना जारी रखें फलौदी किले का किस्सा

मोदी ने मनाई करगिल में दिवाली

वर्ष 2014 में जब से मोदी प्र.मंत्री बने है, वे हर वर्ष की भांति इस बार भी सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को निभाने के लिए सेना प्रमुख के साथ कारगिल (द्रास) पहुंच गए हैं। प्र.मंत्री को अपने बीच पाकर सेना के जवानों की प्रसन्नता शिखर पर हैं। ऐसे नेतृत्व… पढ़ना जारी रखें मोदी ने मनाई करगिल में दिवाली

मोदी युग में भारत की उपलब्धियां

दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी ,,, भारत आया नम्बर 3 पर, हम से आगे अमेरिका, रूस हैं l ये है मोदी युग ,,,🔺 दूसरी उपलब्धि ,,, 1.4- 1.5 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन ,,,,, ये है ! एक चाय वाले का अर्थशास्त्र ,,,🔺 तीसरी उपलब्धि… पढ़ना जारी रखें मोदी युग में भारत की उपलब्धियां

RKSMBK ट्रेनिग

RKSMBK राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम अभियान उन बच्चों के लिए जो कक्षा 3 से 8 में पढ़ते है लेकिन कोरोना के कारण लर्निग गेप के चलते अपने कक्षा स्तर के अनुरूप नहीं है। इसको ठीक से करने के लिए शिक्षकों की सहायतार्थ एप लॉन्च हुआ। इस एप पर शिक्षक काम कर सके इस… पढ़ना जारी रखें RKSMBK ट्रेनिग

गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर

तकली घणी कतवाई अर टेम खराब कियो,पांचवीं तक री पढाई में खूब खेल कियो। ग्राम सुराज भरमायो, बुनकर भूख मरयो, मोटी मीलां माय कपड़ो अकूत बण्यो। कायर बण र खातर अहिंसा सन्देश दीयो,विधर्मी री तलवारां सूँ हिन्दू लहू बह्यो। वीर सपूत फांसी चढग्या महात्मा मौन रह्यो, नेहरू गद्दी देवण सारूं,,पटेल ने चुप करयो। ईश्वर अल्ला… पढ़ना जारी रखें गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर

भारतीय पर्यटन उद्योग में आ रही है रोजगार के नए अवसरों की बहार

अभी हाल ही में जारी की गई सीधी नियुक्ति मंच हायरेक्ट की ‘जॉब इंडेक्स रिपोर्ट’ के अनुसार, जून 2022 से अगस्त 2022 के तीन महीनों के दौरान टूर एंड ट्रेवल उद्योग में नए रोजगार के अवसरों में जोरदार तेजी देखी गई है, जो भारत के लिए रोजगार की दृष्टि से बहुत अच्छा संकेत माना जा… पढ़ना जारी रखें भारतीय पर्यटन उद्योग में आ रही है रोजगार के नए अवसरों की बहार

हिंदी दिवस विशेष

आओ हम सब मिलकर के, एक अनोखा प्रण करें। जब भी बोलें हिंदी बोलें, लिखे तो हिंदी प्रयोग करें।। निज भाषा ही प्यारी भाषा, पर भाषा को त्याज्य करें। इंग्लिश जर्मन फ्रेंच अरेबिक, सब पर हिंदी ग्राह्य करें।। आओ।। अपनी माता मातृभूमि और, मातृ भाषा का मान करें। मान करें सम्मान करें बस, हिंदी में… पढ़ना जारी रखें हिंदी दिवस विशेष

कर्तव्य पथ निरन्तर कर्तव्य की याद दिलाएगा

गुलामी का प्रतीक किंग्सवे/ राजपथ इतिहास से हमेशा के लिए मिट गया।कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास के सृजन से आजादी के इस अमृत काल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति से हर वह व्यक्ति खुश है, जिसे राष्ट्रीयता की समझ है। इंडिया गेट के पास राष्ट्र के निर्विवाद नायक नेताजी सुभाष… पढ़ना जारी रखें कर्तव्य पथ निरन्तर कर्तव्य की याद दिलाएगा

विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त 1947

विभाजनविभीषिकास्मृति_दिवस 14 अगस्त, 1947 की चीखें ! !! रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा-सा गांव था। 500 के लगभग वयस्क होंगे। बाकि बच्चे, बूढ़े। गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला,” सरपंच जी, सरपंच जो।” सरपंच जी कहा ,”क्या हुआ मोहन ? “” सरपंच… पढ़ना जारी रखें विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त 1947

लगातार मजबूत होते भारतीय बैंक

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति से चलायमान रखने में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। इसलिए देश में बैंकों की स्थिति मजबूत होना अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है। बैकों की मजबूत स्थिति का पता लगाने के लिए अन्य निष्पादन मानदंडो (जमाराशि एवं ऋणराशि में वृद्धि दर) के अतिरिक्त मुख्य रूप से पूंजी… पढ़ना जारी रखें लगातार मजबूत होते भारतीय बैंक

6 जुलाई 1905 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसेवी लक्ष्मी बाई केलकर का जन्म

राष्ट्रीय सेविका समिति की संस्थापक भी भारतीय स्वाधीनता संघर्ष की सफलता में उस भावना की भूमिका महत्वपूर्ण है जिसने समाज में स्वत्व का वोध कराया । यदि हम केवल आधुनिक संघर्ष का ही स्मरण करें तो हम पायेंगे कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती से लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डा… पढ़ना जारी रखें 6 जुलाई 1905 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसेवी लक्ष्मी बाई केलकर का जन्म

असम के क्रांतिकारी

डॉ. पवन तिवारी श्रीमन्त शंकरदेव की पावन धरा भारतीय संस्कृति के ख्यात उद्घोष “वीरभोग्या वसुन्धरा” को चरितार्थ करती है. पूर्वोत्तर के द्वार कहे जाने वाले असम प्रदेश के क्रान्तिकारियों ने अपने द्वार पर ही ब्रिटिश सरकार से लोहा लिया था. दुर्भाग्य से एक पक्षीय ऐतिहासिक लेखन ने उनके नामों को भारतीय आम जनमानस तक नहीं… पढ़ना जारी रखें असम के क्रांतिकारी

महान देशभक्त थे डा.हेडगेवार

डा हेडगेवार की बताई राह पर अग्रसर है संघ(डा हेडगेवार को उनकी पुण्यतिथि पर आज 21 जून को एक विनम्र श्रद्धांजलि)कृष्णमोहन झा/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यशस्वी संस्थापक डा केशव बलीराम हेडगेवार की आज पुण्यतिथि है। सन् 1940 में 21 जून को जब उन्होंने अंतिम सांस ली तब उनकी आयु मात्र 51 वर्ष थी । 1925… पढ़ना जारी रखें महान देशभक्त थे डा.हेडगेवार

योग दिवस

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: 21 जूनयोग शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। योग आध्यात्मिक अभ्यास है जो शांति, आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है। योग के माध्यम से तन मन मस्तिष्क की गतिविधियों को और बेहतर तरीके से किया जा सकता है। योग एक ऐसा अभ्यास है,जो प्राणी को कई तरह की… पढ़ना जारी रखें योग दिवस

पट्टी पढ़ाये हुए इतिहास की खुलती पोल-पट्टी

पट्टी पढ़ाये हुए इतिहास की खुलती पोल-पट्टी ‘पट्टी पढ़ाना’ : ‘उल्टी पट्टी पढ़ाना’। इन मुहावरों का प्रयोग आज भी संदर्भोचित प्रसंगों में होता है। न जाने क्यों भारतीय इतिहास के संबंध में ये मुहावरे ‘ज्ञानव्यापी’ (सही) प्रतीत होते हैं (?)। इस संबंध-साम्यता (इतिहास-मुहावरे) को केवल संयोग नहीं कहा जा सकता। अनेकानेक प्रसंगों में इतिहास और… पढ़ना जारी रखें पट्टी पढ़ाये हुए इतिहास की खुलती पोल-पट्टी

हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव

हिंदु साम्राज्य दिवस:-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में जागृतिबनाऐ रखने के लिए अपनी दैनिक शाखाओं के साथ 6 उत्सव भी मनाता है। जिसमें से एक उत्सव हिदु साम्राज्य दिवस ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी के दिन मनाता है। 6ठी शताब्दी के बाद 1674 में आज ही के दिन शिवाजी महाराज का हिंदु राजा के रूप में राज्याभिषेक हुआ… पढ़ना जारी रखें हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव

आप इतिहास से सीखेंगे या इतिहास को दोहराएंगे?

अगर पोरस ने सिकंदर को भागने देने के बजाए… उसे मार दिया होता तो आज इतिहास दूसरा होता।अगर जयचंद ने मुहम्मद गोरी का साथ ना दिया होता… तो, आज भारत का इतिहास दूसरा होता।अगर पृथ्वीराज चौहान ने गोरी को माफ न कर के पहले ही युद्ध में मार दिया होता…तो, भी इतिहास दूसरा होता। अगर… पढ़ना जारी रखें आप इतिहास से सीखेंगे या इतिहास को दोहराएंगे?

कोई क्यों आपको बचाएगा?

प्रतिदिन एक तय स्थान और समय पर “मिलन” इसे हम शाखा कहते हैं।सप्ताह में एक दिन सभी शाखाओं का सामूहिक मिलन, इसे “एकत्रीकरण” कहते हैं।ये दोनों व्यवस्थाएं 1925 से हमारे पास हैं।मुख्यशिक्षक और गटनायक घर घर जाकर बुलाते हैं, आह्वान करते हैं, सम्पर्क करते हैं।मिलन के समय और स्थान मुहल्ले की सुविधानुसार तय होता है।जब… पढ़ना जारी रखें कोई क्यों आपको बचाएगा?

मोहन भागवत के बयान के क्या है मायने?

गुलामी का सबसे बड़ा दोष यही है कि वह अपने उत्तराधिकार में अविश्वास, अनिर्णय और द्वेषभावना जैसे विघातक घटकों को पल्लवित-पोषित करती है और परस्पर सद्भाव, सहकार और स्वीकार जैसे निर्माणकारी तत्वों को धीरे-धीरे मार देती है। विश्व के विभिन्न समाजों के तुलनात्मक ऐतिहासिक अध्ययन का निष्कर्ष भी यही कहता है। सहमति-असहमति किसी भी लोकतांत्रिक… पढ़ना जारी रखें मोहन भागवत के बयान के क्या है मायने?

जोधपुर में दंगे और जालोरी गेट चौराहा

जालोरी गेट चौराहे पर जिनकी प्रतिमा है, कौन थे वे बालमुकुंद बिस्सा? जोधपुर का जालोरी गेट चौराहा क्या है:-जालोरी गेट चौराहे का इतिहास क्या है?जोधपुर.वर्ष 1908 में नागौर के पीलवा गांव में एक साधारण पुष्करणा ब्राह्मण परिवार में जन्में बालमुकुंद बिस्सा की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता में हुई। बंगाल के क्रांतिकारियों व स्वतंत्रता के लिए संघर्ष… पढ़ना जारी रखें जोधपुर में दंगे और जालोरी गेट चौराहा