जलदाय विभाग उवाच

जलदाय विभाग उवाच आप कैसे कहते होकल आपका नल नही आया था,हमने बड़े जोर-जोर सेहवा का सूँसाड़ा बजवाया था। सूँसाड़े की सीटी सेसबका मन लुभाया थायह सब मुफ्त रहा तुमकोबड़ा दिल हमने दिखाया था। फिर भेजा पानी इतना किशौच का डिब्बा भरवाया था,धोया कान और हुई स्नानइस सत्य का मान बढ़ाया था। वाल्व उधर खोलने… पढ़ना जारी रखें जलदाय विभाग उवाच

सूर्य का साक्षात्कार ज्येष्ठ मास में

आज रविवार को मैने “सूर्य भगवान” का इंटरव्यू किया है.आपके समक्ष पेश हैं, उनसे हुई वार्ता के खास अंश! सौरमंडल के स्वामी भगवान सूर्यनारायण इन दिनों अपना जलवा दिखा रहे हैं. धरती के जीव उनकी तपन से त्रस्त हैं. मैने सोचा क्यों न भुवन भास्कर से बात की जाए कि प्रभों! इन दिनों आपकी आंखे… पढ़ना जारी रखें सूर्य का साक्षात्कार ज्येष्ठ मास में

देवर्षि नारद अर्थात खतरों के खिलाड़ी

जो श्राप को वरदान बना ले वही देवर्षि नारद हैएक समय था जब हिंदी फिल्मों में नारद मुनि का चरित्र इतना विद्रूप कर दिया गया था कि माताएं अपने बच्चों को इधर उधर की लगाई बुझाई का उलाहना देते समय “नारद की तरह मत कर” ऐसा कहने लगी थी। वह एक दौर था जब धार्मिक… पढ़ना जारी रखें देवर्षि नारद अर्थात खतरों के खिलाड़ी

देवर्षि नारद जिन्होंने श्राप को बनाया वरदान

एक समय था जब हिंदी फिल्मों में नारद मुनि का चरित्र इतना विद्रूप कर दिया गया था कि माताएं अपने बच्चों को इधर उधर की लगाई बुझाई का उलाहना देते समय “नारद की तरह मत कर” ऐसा कहने लगी थी। वह एक दौर था जब धार्मिक पौराणिक फिल्मों का चलन था। फिल्मकारों ने वामपंथी विचारों… पढ़ना जारी रखें देवर्षि नारद जिन्होंने श्राप को बनाया वरदान

आज की पत्रकारिता और देवर्षि नारद के आदर्श

पत्रकारिता समाज का दर्पण होती है, जो समाज में घटित घटनाओं को उजागर करती है और लोगों को जागरूक करती है। भारतीय संस्कृति में प्रथम पत्रकार के रूप में ऋषि नारद माने जाते है। वे देवताओं और मानवों के बीच, देवताओं और दानवों के बीच संवाद का माध्यम थे। वर्तमान समय में पत्रकारिता ने तकनीकी… पढ़ना जारी रखें आज की पत्रकारिता और देवर्षि नारद के आदर्श

राष्ट्रवाद के अग्रदूत – महर्षि दयानंद

12 फरवरी 1824 को टंकारा गुजरात में पिता कृष्णा जी तिवारी और माता अमृता बाई के घर जन्मे मूल शंकर ने अपने बचपन से ही हिंदू समाज की दुर्दशा और बुराइयों के मूल कारण को जान लिया था। कहते है उन्हें शिवरात्रि के दिन बोध प्राप्त हुआ। उनके तर्क संगत प्रश्न परम्परावादी पिता को परेशान… पढ़ना जारी रखें राष्ट्रवाद के अग्रदूत – महर्षि दयानंद

आप में राजनीतिक भ्रस्टाचार की हिस्सेदारी की लड़ाई?

स्वाति मालीवाल अन्नाहजारे व  केजरीवाल के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन की प्रमुख सदस्या थी । भारत की आम जनता को इस आंदोलन से बहुत आशाएं थी। राजनीति में नही आने वालों ने पार्टी बनाकर अलग तरह की राजनीति का वादा किया और देखते ही देखते आधे अधूरे अधिकार वाले राज्य दिल्ली में सरकार… पढ़ना जारी रखें आप में राजनीतिक भ्रस्टाचार की हिस्सेदारी की लड़ाई?

भारत की साँस्कृतिक अवधारणा का अपमान और संविधान की भावना के विरूद्ध है सैम पित्रोदा का नस्लभेद संबंधी वक्तव्य

भारत की साँस्कृतिक अवधारणा का अपमान और संविधान की भावना के विरूद्ध है सैम पित्रोदा का नस्लभेद संबंधी वक्तव्य –रमेश शर्मा काँग्रेस की सलाहकार टोली के प्रमुख सदस्य श्री सैम पित्रोदा नेरंग, क्षेत्र और कदकाठी के आधार पर भारतीय समाज को विभाजित करने संबंधी अंग्रेजों के षड्यंत्र को एक बार फिर स्थापित करने का प्रयास… पढ़ना जारी रखें भारत की साँस्कृतिक अवधारणा का अपमान और संविधान की भावना के विरूद्ध है सैम पित्रोदा का नस्लभेद संबंधी वक्तव्य

भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक : आदि गुरु शंकराचार्य

भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक : आदि गुरु शंकराचार्य शुभांगी उपाध्यायब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरःब्रह्म ही सत्य है, जगत मिथ्या और जीव ही ब्रह्म है। वेदांत की इस वाणी को सिद्ध करने वाले महान मनीषी परमपूज्य आदि गुरु शंकराचार्य के नाम से विश्व विख्यात हैं। इस महान योगी की जन्मभूमि भारत का शाब्दिक अर्थ… पढ़ना जारी रखें भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक : आदि गुरु शंकराचार्य