सुबह होने को है तू अपने पंख खोल ले। चहचहाकर जय श्रीराम बोल दे। आंख खोल कर देख जरा तू न जगा तो भी भास्कर अपने पथ पर निकल पड़े है। अब जाग हिन्दू जाग अलसाई जिंदगी को त्याग। स्वागत कर नए दिवस का जी ले अपने पूर्वजों के बताए संस्कारो से। अपनी वसुधेव कुटुंब… पढ़ना जारी रखें सुबह
महीना: अक्टूबर 2019
रामलीला मंडली
रामलीला #हनुमान जी का साथ मिला। ये हनुमान भी विशेष है। दिनभर व्यवसाय करके रात को रामलीला में रोल अदा करते है। 10 दिन तक रोज 100-200 चन्दा देते है। अशोक वाटिका उजाड़ने, फल खाने का खर्चा स्वयं का होता है। आग्रह होने पर बाजार में चंदे के लिए भी घूमते है। रामलीला के समापन… पढ़ना जारी रखें रामलीला मंडली
चलते रहो
विजय होगी जब स्वयं को जीतोगे। संघर्ष करोगे खुद से आगे बढोगे।। मन के कुरुक्षेत्र में गाण्डीव उठाओ। हे पार्थ रण करो तनिक न घबराओ। सगे सम्बन्धी तुमने स्वयं किये उत्पन्न। ये रोकेंगे तुम्हे तुम्हारी कमजोरी बन।। उठा कर बाण तरकस खोलो अपना। शरसंधान करो तोड़ो भ्रम कासपना।। करो तुम अपना कर्म जीवन पथ पर।… पढ़ना जारी रखें चलते रहो
कदम बढ़ा
रात के बाद दिन को होना ही है, गर्मी के बाद ठंड को आनी ही है। दुःख हुआ तो हुआ गम नहीं, फिर से लौट खुशी को आना है। धूप के बाद छांव आएगी ही, यह शाश्वत नियम चलना ही है। सब्र कर, सहन कर, मौन रह, गुनगुनाने के दिन भी आने है। पतझड़ जाएगी… पढ़ना जारी रखें कदम बढ़ा
जीत-हार
तेरी जीत तेरी अपनी नहीं मेरी हार मेरी अपनी नहीं न जीत अपनी न हार अपनी फिर इस जगत में अपना क्या हार जीत का निर्धारक जो है वही एक अपना स्वयं का है वही तो सत्य है वही शाश्वत है वही नित्य निरन्तर रहने वाला दुनियाँ माया है जी का जंजाल एक वही है… पढ़ना जारी रखें जीत-हार