विराट स्वरूप का दर्शन

संघ के विराट स्वरूप की एक झलक के लिए अवश्य पूरा पढ़ें। *राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्र सेवा में बढ़ते कदम- लक्ष्य एक कार्य अनेक* कभी अनाम, अनजान, उपेक्षित और घोर विरोध का शिकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में चर्चा एवं उत्सुकता का विषय बना हुआ है। संघ की… पढ़ना जारी रखें विराट स्वरूप का दर्शन

लोकतंत्र का उत्सव

ढोल नगाड़े झांझ और थाली सारा दिन बजते रहे गली गली गला फाड़ जयकारे लगते रहे रास्ते भर डीजे पर नाचते रहे गली नुक्कड़ पर चर्चा के दौर हथाई पाटों पर चाय का दौर कहीं मिल रहा हलवाऔर पूरी कहीं बढ़ गई भाइयों में दूरी उत्त्साह उमंग का माहौल बना कहीं सुलगता का लाहौर बना… पढ़ना जारी रखें लोकतंत्र का उत्सव

नन्हा कदम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रथम पग- ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ आज भारत के हिन्दू युवक परम्परा और संस्कृति का तिरस्कार करते नजर आते है। जब हम भारत को विश्व गुरु कहते हैं तो यह भी विचार करें कि वह व्यक्ति किस प्रकार दूसरों को महानता का मार्ग दिखा सकता है, जिसमें अपने निजी जीवन को उन्नत बनाने की… पढ़ना जारी रखें नन्हा कदम

न्याय की देवी या देवता??

पिछले लंबे समय से भारतीय न्याय व्यवस्था के मार्ग से हमारी हिन्दू संस्कृति परम्परा, मान्यता, रीति रिवाज, त्योहार, उत्सव सब क्षेत्रों में उसे लक्षित कर मिटाने का कुचक्र चल रहा है। कभी विचार किया आपने?? क्यों हो रहा है??जानिए भारतीय संस्कृति व धर्मशास्त्रों समेत न्याय के सभी संदर्भो में हजारों सालों से न्याय की देवी… पढ़ना जारी रखें न्याय की देवी या देवता??

विज्ञानमय वेद

विज्ञानमय“पितर, देवता और मानव की वास्तविक आंख वेद है।” वेद हिंदू धर्म का आधार है असंतुलन ता है दूर करने तथा जीवन में समरसता लाने के लिए वह एक विशेष जीवन पद्धति को निर्धारित करते हैं वेद हिंदू धर्म के भिन्न-भिन्न मत मत अंतरों के अनुयायियों को एक सूत्र में बांधते हैं। पश्चिम जर्मनी के… पढ़ना जारी रखें विज्ञानमय वेद

परिस्थित निरपेक्ष संघ कार्य का प्रसार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक सामाजिक संगठन है जो विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। संघ का संगठन सूत्र:- व्यक्ति-व्यक्ति का सम्पर्क। डॉ हेडगेवार ने संघ में दीप से दीप जलाने की पद्धति अपनाई जो आज भी चल रही है। इसी कारण स्वयंसेवकों की संख्या निरंतर बढ़ती गई स्वयंसेवक बढ़े तो शाखाएं बढ़ी। संघ कार्य का… पढ़ना जारी रखें परिस्थित निरपेक्ष संघ कार्य का प्रसार